सूचना के अधिकार का वर्तमान स्वरूप
Abstract
लोकतंत्र में देश की जनता अपने द्वारा चुने हुए व्यक्ति का शासन करने का अवसर प्रदान करती है और जनता अपेक्षा करती है कि सरकार पूरी ईमानदारी और कर्त्तव्यानिष्ठा के साथ अपने दायित्वों का पालन करेगी। लेकिन कालान्तर में अधिकांश राष्ट्रों ने अपने दायित्वों का गला घोटते हुए पारदर्शिता और ईमानदारी की बोटियां नोचने में कोई कसर नहीं छोड़ी और भ्रष्टाचार के बड़े-बड़े कीर्तिमान कायम करने को एक भी मौका अपने हाथ से गवानां नहीं भूले। सरकारें भूल जाती है कि जनता ने उन्हें चुना है और जनता ही देश की असली मालिक है एवं सरकार उनकी चुनी हुई नौकर। इसलिए मालिक होने के नाते जनता को यह जानने का पूरा अधिकार है कि जो सरकारें उनकी सेवा में हैं, वह क्यो कार्य कर रही है? परन्तु वर्तमान समय में इसकी उपयोगिता व महत्व कम क्यों होता जा रहा है, इन पर हम चर्चा करेगें?
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