भारत में नाथ सम्प्रदाय का उद्भव एवं विकास

Ms अर्चना

Abstract


वस्तुतः भारत ऋषि-मुनियों, पैगम्बरां, योगियों आदि की परम्पराओं वाला देश रहा है। यदि नाथ सम्प्रदाय के सामाजिक व राजनीतिक योगदान पर चर्चा की जाये तो यह बात स्पष्ट होती है कि नाथ योगियों ने अपनी भारतीय परम्पराओं व संस्कृति का निर्वहन करते हुए समाज का भला किया है और आम जनमानस की श्रद्धा भी इस सम्प्रदाय के प्रति रही है। यदि वर्तमान सन्दर्भ में देखा जाये तो नाथ सम्प्रदाय के कई योगी राजनीतिक पटल पर अच्छे कार्य करते रहे हैं और कर रहे हैं। इसके साथ-साथ इस सम्प्रदाय के द्वारा कई शिक्षण संस्थाऐं व स्वास्थ्य केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं, जिनका सामाजिक दृष्टि से काफी महत्व है। बाबा मस्तनाथ मठ हरियाणा के साथ-साथ देश के अन्य क्षेत्रों के लिए भी एक अनूठा उदाहरण है, जो शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने के साथ-साथ सामाजिक हित के अन्य कार्यों में भी संलग्न है। प्रस्तुत शोध पत्र भारत में नाथ सम्प्रदाय के उद्भव एवं विकास पर प्रकाश डालता है।


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