Time Travel

Harishankar Jangid

Abstract


एक जमाने में कार यात्रा वैज्ञानिकों की सनक मानी जाती थी और लोग उन्हें पागल (संकी) वैज्ञानिक कहते थे। इन सब चीजां को देखने के लिए हमें चौथे आयाम में जाना होगा।
आइंस्टीन के लिए चौथा आयाम समय है। आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत है कि समय धीमा पड़ता है या तेज होता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किसी और चीज के सापेक्ष में कितनी तेजी से आगे बढ़ते है। प्रकाश की गति की निकट, अंतरिक्षयान के अन्दर के एक व्यक्ति को घर पर अपने जुड़वा से ज्यादा धीमी होगी।
समय के आगे यात्रा करना आश्चर्यजनक रूप् से आसान है। इसका अर्थ प्रकाश की तुलना में तेजी से यात्रा करना होगा और यह संभव नहीं है, लेकिन सामान्य सापेक्षता में पाया जा सकता है, आइंस्टीन के गुरूत्व के सिद्धांत जो अंतरिक्ष और समय को “अंतरिक्ष समय“ के रूप में एक जूट करती है जो द्रव्यमान की उपस्थिति में घर जाती है।


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