इक्कीसवीं सदी की कविता में संवेदना के तेवर

Ms. सुशीला

Abstract


साहित्य का मापदण्ड-अनुभूति की मौलिकता तथा स्पर्श की क्षमता है। यह मानव-जीवन की सभी रिक्ताओं एवं अच्छे जीवन की दिशा दिखाता है। साहित्य सामाजिक सरोकारों और संवेदनशील व्प्यक्ति के हृदय का स्पर्श है। यह ऐसा विज्ञान है जो मानव संस्कृति की रचना में नींव की ईंट एवं दिशा-बोध का कार्य करता है। यह इतिहास की कन्दराओं में भटकता, सरोकारों से जूझता, लोगों को प्रेरित करता हुआ अग्रसर बना रहता है।


Full Text:

PDF




Copyright (c) 2017 Edupedia Publications Pvt Ltd

Creative Commons License
This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-ShareAlike 4.0 International License.

 

All published Articles are Open Access at  https://journals.pen2print.org/index.php/ijr/ 


Paper submission: ijr@pen2print.org