वैश्विक परिवेश में श्रीमदभगवत गीता का धार्मिक मूल्य
Abstract
वस्तुतः भगवत् गीता एक ऐसा लोकप्रिय ग्रन्थ है जो भारत के सभी वर्गों के लिए लिखा गया है। यह किसी काल व देश की सीमाओं से बंधा हुआ नहीं है। इसमें गीता रूप, रहस्यमय उपदेश, एक अनवरत रूप से चलने वाला जीवन दर्शन वास्तविक रूप में दर्शाया गया है। इसमें बार-बार भक्ति और ज्ञान का सुन्दर प्रतिपादन हुआ है। यह मनुष्य मात्र को इस बात के प्रति आश्वस्त करता है कि जीवन में चाहे कितनी भी बाधाऐं आऐं लेकिन ईश्वर भक्ति का कभी विनाश नहीं होता। प्रस्तुत शोध पत्र में वैश्विक परिवेश के सन्दर्भ में श्रीमदभागवत् का धार्मिक मूल्य दर्शाया गया है।
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