वर्तमान दौर में ’कृषि लागत’ की वृद्धि और लाभ में कमी
Abstract
किसानों का समस्याग्रसत होना समाज और अर्थवयवस्था के लिए बाधक और चिन्ताजनक है। यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि यदि एक किसान आत्महत्या करता है, तो एक नौजवान, एक मकान, एक परिवार एवं एक मशहूर कलाकार आत्महत्या करता है। भारतीय अर्थव्यवस्था में कई समस्याएं विद्यमान हैं। लेकिन वर्तमान में किसानां की आत्महत्या की समस्या देश की एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आई है, जो न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था को क्षति पहुंचा रही है, बल्कि मानव विकास में एक बड़ी बाधा के रूप में बनी र्हु है।
Full Text:
PDFCopyright (c) 2018 Edupedia Publications Pvt Ltd
![Creative Commons License](http://licensebuttons.net/l/by-nc-sa/4.0/88x31.png)
This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-ShareAlike 4.0 International License.
All published Articles are Open Access at https://journals.pen2print.org/index.php/ijr/
Paper submission: ijr@pen2print.org