मुग़ल काल में शाही महिलाओ की शैक्षिक स्थिति
Abstract
मानव जीवन में शिक्षा का अधिकं महत्व है प् शिक्षा के माध्यम से ही मनुष्य ने अपना विकास किया प् कालांतर से विभिन्न शासक वर्गों ने शिक्षा के समुचित प्रबंध करने शुरू कर दिए थे प् प्राचीन काल से ही शिक्षा का स्वरूप राजसी और साधारण वर्ग के लिए अलग अलग रहा है प् भारत की प्राचीन शिक्षा आध्यात्मिकता पर आधारित थी। भारत श्विश्वगुरुश् कहलाता था। प्राचीन काल में इस बात पर बल दिया गया कि शिक्षा व्यक्ति को जीवन का यथार्थ दर्शन कराती है। तथा इस योग्य बनाती है कि वह भवसागर की बाधाओं को पार करके अन्त में मोक्ष को प्राप्त कर सके जो कि मानव जीवन का चरम लक्ष्य है। भारत में मुस्लिम राज्य की स्थापना होते ही इस्लामी शिक्षा का प्रसार होने लगा। फारसी जाननेवाले ही सरकारी कार्य के योग्य समझे जाने लगे। हिंदू अरबी और फारसी पढ़ने लगे। बादशाहों और अन्य शासकों की व्यक्तिगत रुचि के अनुसार इस्लामी आधार पर शिक्षा दी जाने लगी। प्रस्तुत लेख में मुगलकालीन शाही महिलाओ की शैक्षिक स्थिति के बारे में बताया गया है प्
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