नालन्दा : प्राचीन भारतीय विद्या का केन्द्र
Abstract
प्राचीन भारत में शिक्षा ज्ञान प्राप्ति का सबसे बडा स्रोत माना जाता था । व्यक्ति के जीवन को सुंतुलित औरर श्रेष्ठ बनाने तथा एक नई दिशा प्रदान करने में शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान था । सामाजिक बुराईयों को उसकी जडों से निर्मूल करने तथा त्रुटिपूर्ण जीवन में सुधार करने के लिए शिक्षा की नितान्त आवश्यकता थी । प्राचीन भारत में शिक्षा प्रदान गुरू के आश्रम में रहकर प्राप्त की जाती थी । समय के साथ इन गुरूकुलों ने संस्थाओं का रूप धारण कर लिया और ये शिक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने लगे । इसी कडी में शिक्षा प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण केन्द्र था नालन्दा । जहां पर शिक्षा प्राप्त करने के लिए भारत से ही नहीं अपितु विदेशों से भी विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने आते थे ।
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