नारी उद्धार के लिए ज्योतिबा फुले के प्रयासरू एक अध्ययन
Abstract
शताब्दियों से भारतीय समाज सामाजिक कुरीतियों में जकड़ा हुआ था जिसके चलते महिलाएं सामाजिक अन्याय एवं भेदभाव के कारण अभिशाप पूर्ण जीवन जीने के लिए बाध्य थी प् समाज में पुरुष प्रधानता थी जिसके चलते महिलाओं की दशा अत्यंत दयनीय हो चुकी थी महिलाओं का स्वतंत्र अस्तित्व लगभग ना के बराबर था लड़की का पैदा होना अत्यंत दुख हुआ दुर्भाग्यपूर्ण माना जाता था प् इसी कारण कुछ माता.पिता अपने नवजात पुत्रियों की हत्या तक कर डालते थे प् कन्या हत्या की कुप्रथा के अलावा भी महिलाओं को अनेक अन्य सामाजिक कुप्रथाओं जैसे बाल विवाहए पर्दा प्रथाए सती प्रथाए आदि का शिकार बनना पड़ता था प् समय.समय पर इन कुप्रथाओं को रोकने के लिए कई समाज सुधारक हुए प् 19वीं सदी में ऐसी ही एक शख्सियत महाराष्ट्र में हुई जिनको ज्योतिबा फूले के नाम से जाना जाता है प् उन्होंने अपना सारा जीवन महिलाओं को सम्मान दिलाने में लगा दिया
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