कवि पन्त के ष्नारी.एक मानवीष्. विषयक विचार

Ms. धर्मबीर

Abstract


पन्त जी का जन्म अलमोड़ जिले के कौमानी गाँव में 20 मई, 1900 ई0 में हुआ। उनके पिताजी का नाम गंगादŸा था और उनकी माताजी का नाम सरस्वती देवी था। पिता कौसानी के चाय के बगीचे में मैनेजर थे। पन्त जी का विद्यार्थी जीवन कौसानी की पाठशाला में ही आरम्भ हुआ था। उसके बाद 12 वर्ष की अवस्था में अलमोड़ा के गवर्नमेन्ट स्कूल में भर्ती हुए। यहां उन्हांने सबसे पहले अपना नाम बदलने का कार्य किया। इस अवस्था में उन्होंने नेपोलियन का एक चित्र देखा जिससे वे काफी प्रभावित हुए और तभी से केश वर्धन करने लगे। हाईस्कूल की पढ़ाई बनारस के जयनारायण हाईस्कूल में की और सन् 1919 में एस. एस. सी. की परीक्षा पास की। वे बचपन से ही काफी जिज्ञासु तथा कुशाग्र बुद्धि वाले थे। जिससे वे न केवल स्कूली पुस्तक पढ़कर सन्तोष मानते वरन् संस्कृत और हिन्दी की कविताओं का अध्ययन भी किया करते थे। सन् 1919 में इलाहाबाद की क्योर सन्ट्रेल कॉलेज में अध्ययन शुरू किया। 1970 में इनका देहान्त हो गया।

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