प्राचीन भारतीय विकल्प के रूप में शुक्र के राजनीति

Dr. Anjana Srivastava

Abstract


भारतीय राजनैतिक चिन्तन को पश्चिम में गलत समझने की एक परम्परा रही है। पश्चिम के विद्वान काफी समय तक प्राचीन भारत में राजनैतिक दर्शन के होने की बात को ही स्वीकार नहीं कर पाते थे। भारत में बौद्धिकता की मौलिक सोच की दिशा धर्म की ओर थी, प्राचीन यूनान की तरह तार्किकता, वैज्ञानिकता के आधार पर स्वतन्त्र रूप से राजनीति पर विचार करने की नहीं रही। इस प्रकार की पाश्चात्य सोच ने भारतीय बौद्धिक वातावरण को विषाक्त किया है। प्राचीन भारतीय राजनैतिक दर्शन के प्रति सामान्य मानसिकता डॉ. बी.पी. श्रीवास्तव के शब्दों में ‘ऊंह’ की रही है4, (अर्थात् इसमें है क्या)।

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