बाबू बालमुकुंद गुप्त की पत्रकारिता और हिन्दी भाषाः एक विश्लेषणात्मक अध्ययन

Ms. Permila

Abstract


‘‘वस्तुतः बालमुकुन्द गुप्त हिन्दी पत्रकारिता के ऐसे कीर्तिस्तम्भ हैं जिन पर हरियाणावासियों के साथ-साथ सम्पूर्ण भारतवासी गर्व महसूस करते हैं। उनकी पत्रकारिता में राष्ट्रीय जागरण व सामाजिक चेतना का जो स्वर दिखाई देता है, वह अन्यत्र दुलर्भ है। उनकी पत्रकारिता में राष्ट्रवाद , हिन्दुत्व, उदारता, निडरता, स्पष्टता, सरलता, सहजता, व समता के रूप में जो विशेषताऐं विद्यमान हैं, उनका प्रभाव प्रत्येक भारतीय पत्रकार व साहित्यकार के दिल और दिमाग पर पड़ा है। वास्तव में गुप्त जी उच्च कोटि के ऐसे साहित्यकार थे , जिन्होंने तत्कालीन समाज में व्याप्त शोषण को अपनी रचनाओं में उजागर किया है। उनका ‘भारत मित्र’ नामक समाचार पत्र के संपादक के रूप में जो सफर प्रारम्भ हुआ, वह आगे चलकर उनकी राष्ट्रभावना का प्रतीक बन गया और उन्होंने अपनी पत्रकारिता के माध्यम से हिन्दी साहित्य की अपार सेवा की। अन्ततः प्रस्तुत शोध पत्र उनकी पत्रकारिता के हिन्दी भाषा पर पड़ने वाले प्रभाव का आंकलन प्रस्तुत करता है।

Full Text:

PDF




Copyright (c) 2018 Edupedia Publications Pvt Ltd

Creative Commons License
This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-ShareAlike 4.0 International License.

 

All published Articles are Open Access at  https://journals.pen2print.org/index.php/ijr/ 


Paper submission: ijr@pen2print.org