वंचित समूह की समस्याएं एवं चुनौतियां

डॉ. केशरी नन्दन मिश्रा

Abstract


आईएलओ की जीवन चक्र प्रणाली संकेत देती है कि जोखिमों और खामियों को कम उम्र में ही सुलझाना आवश्यक है ताकि सम्मानजनक रोजगार प्राप्त करने में लोगों की मदद की जा सके। चुंकि भारत में लगभग 70 प्रतिशत जनसंख्या अभी तक गांवों में रहकर खेती में परिवारों की मदद करती है, उन्हें कृषि तथा संबंधित गतिविधियों में उत्पाद, वित्त एवं श्रम बाज़ार के अनुरूप कौशल प्रदान करने की आवश्यकता है। इससे महिलाओं की सहभागिता में वृद्धि होगी और कम पारिश्रमिक वाले काम के लिए ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों की ओर पलायन पर रोक लगेगी। पढ़ाई छोड़ चुके बच्चे और बाल श्रमिक शिक्षा की खराब गुणवत्ता तथा कौशल के निम्न स्तर के कारण अनौपचारिक क्षेत्र में कम पारिश्रमिक वाले काम करने के लिए विवश होते हैं। गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध कराना और अच्छी नौकरी पाने में शिक्ष़्ा एवं प्रशिक्षण के लाभ के बारे में बच्चों तथा माता-पिता को समझाना एक चुनौती है।





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