स्वराज पार्टी की राष्ट्रीय आन्दोलन में भूमिका
Abstract
असहयोग आन्दोलन के स्थगन के बाद देश की राजनीति की रिक्तता को स्वराज्य पार्टी व इसके राजनीतिक कार्यक्रम द्वारा भरा गया । चौरी-चौरा की घटना के बाद असहयोग आन्दोलन वापिस ले लिया गया । परिवर्तनवादी इस निर्णय से खुश नहीं थे तथा उन्होंने अपनी लड़ाई जारी रखी और मार्च 1923 ई0 में स्वराज्य पार्टी की स्थापना की । इस पार्टी के निर्माण में सी0 आर0 दास तथा मोती लाल नेहरू का महत्वपूर्ण योगदान था2। स्वराज्यवादियों का मुख्य कार्यक्रम सरकार के प्रस्तावों का विरोध करना , बजट को अस्वीकृत करना , भारत के लिए प्रगतिशील योजनाओं को कौंसिलों में प्रस्तुत करना तथा महात्मा गांधी के रचनात्मक कार्यक्रम में पूर्ण सहयोग देना था।
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