मध्यकालीन भारतीय इतिहास में मध्यमवर्ग

Rakesh Kumar

Abstract


मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। यह समूहों में रहना पसंद करता है और जीवनयापन के लिए परिश्रम करता है। अपने परिश्रम के बल पर वह धनार्जन कर धनवान, शक्ति प्रदर्शन कर शासक तक बन जाता है। इस तरह समाज में वर्ग भिन्नता आ जाती है। मध्यकाल में भी यह भिन्नता कायम थी। उस काल में भी शासक वर्ग, उच्च वर्ग, मध्यम वर्ग तथा निम्न वर्ग थे। जिनके अपने-अपने जीवनयापन के तरीके थे। इस शोध-पत्र में हम मध्यकाल के मध्यमवर्ग के जीवनस्तर, उनके खान-पान, सामाजिक स्तर को दिखाने का प्रयास करेंगे।


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