पूर्वोत्तर में विधानसभा चुनाव 2018 के चुनावी जनादेश का विश्लेषण
Abstract
शोध आलेख सार- वस्तुतः भारतीय संसदीय लोकतंत्र के इतिहास में पूर्वात्तर राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की राज्य सरकारों का बनना किसी चमत्कार से कम नहीं है। जहाँ 2018 से पहले भी तीन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी काबिज हो चुके थे, अब तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के बाद यह आंकड़ा छह पर पहुंच गया। यह प्रथम अवसर है जब 46 वर्ष बाद पूर्वोत्तर के सात राज्यों में से छह पर भारतीय जनता पार्टी व उसके सहयोगियों का कब्जा हो चुका है। वास्तव में 2018 में हुए तीन राज्यों के विधानसभा चुनावी परिणाम भारतीय जनता पार्टी के लिए एक वरदान सिद्ध हुए और त्रिपुरा में अकेले भारतीय जनता पार्टी ने पूर्ण बहुमत प्राप्त किया तथा 25 वर्षों से चले आ रहे वामदलों के शासन को ध्वस्त करके विजय पताका फहराई। यहाँ भारतीय जनता पार्टी गठबंधन ने 43 सीट जीतकर लोकसभा चुनाव 2019 की राह आसान कर दी। वर्ष 2013 में त्रिपुरा विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी को केवल 1.5 प्रतिशत वोट मिले थे, वे अब 43 प्रतिशत हो गये। नागालैंड तथा मेघालय में भी भारतीय जनता पार्टी ने गठबंधन सरकार का निर्माण किया तथा पूर्वोत्तर की राज्य विधानसभाओं की राजनीति का नया अध्याय लिख दिया। प्रस्तुत शोध पत्र में पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के परिणामों का विश्लेषण किया गया है।
Full Text:
PDFCopyright (c) 2018 Edupedia Publications Pvt Ltd
![Creative Commons License](http://licensebuttons.net/l/by-nc-sa/4.0/88x31.png)
This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-ShareAlike 4.0 International License.
All published Articles are Open Access at https://journals.pen2print.org/index.php/ijr/
Paper submission: ijr@pen2print.org