भारत में चुनाव सुधार : एक परिदृश्य

सुमित कुमार

Abstract


शोध-आलेख-सार :लोकतंत्र की सफलता के लिए यह जरूरी है कि चुनावों में निष्पक्षता व पारदर्शिता बनी रहे इसलिए भारतीय संविधान में एक पृथक अध्याय अनु0 324 से 329 तक निर्वाचन तंत्र से संबंधित सम्पूर्ण व्यवस्था की गई है। भारत में चुनाव सुधारों पर समितियाँ गठित की गई है। ताकि चुनाव में प्रासंगिता बनी रहे। हमारे निर्वाचन आयोग को इतनी शक्ति प्रदान नहीं की गई है कि वह अपनी उल्लंघता पर दण्डात्मक कार्रवाई कर सके। इस शोध पत्र में समय-समय पर सुझाए किए विभिन्न उपायों के बारे में वर्णन किया गया और उन कमियों को दूर करने का प्रयत्न किया गया जो लोकतंत्र को धूमिल करने में सहायता देती रही है। इस प्रपत्र में चुनाव सुधारों को लागू करने में कठिनाईयों पर विवेचन किया गया है। जिसने व्यवहार मे लागू करके चुनावों को स्वतंत्र व निष्पक्ष बनाया जा सके।

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