इतिहास में कांस्य कला के विकास का एक विश्लेषण
Abstract
विश्व का इतिहास धातुओं के विकास से प्रभावित रहा है। धातु के पहले मनुष्य ने अपनी सृजनात्मकता का परिचय पत्थरों को तकनीकि आकार प्रदान करके दिया है। आज से लगभग पच्चीस लाख साल पहले मनुष्यता ने जिस पहले यंत्र को जन्म दिया वह पत्थर से निर्मित था। इस पत्त्थर के ऊपर ही इसे नाम दिया गया पाषाण काल। पाषाण काल इतना बड़ा काल था की बाद में जॉन लुबाक ने इसे तीन भागों में विभाजित कर दिया। यह विभाजन मानव के विकास के तीन अलग भागों को दर्शाता है। पत्थरों के बाद धातुओं का आविष्कार होता है और पाषाण काल का नाम ताम्र-पाषाण काल हो जाता है। पहली धातु ताम्बा थी और दूसरी धातु कांसा बनी। इसका आविष्कार ताम्बे में टिन मिला कर किया गया। इस शोध पत्र में मेरा प्रयास है इतिहास में कांसे के विकास को वैश्विक स्तर पर विश्लेषित करना। कांसे का विकास अनिवार्यतः मानवता में तकनीकी का विकास है।
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