भक्ति अन्दोलन और श्री गुरू नानक देव जी

Pooja Prashar, वीरपाल कौर

Abstract


भक्ति अन्दोलन का  समय  भारतीय इतिहास में 13 वी-14 वी ईसवी माना जाता है । हिन्दू धर्म के विकास में इस आन्दोलन का महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है।  यह वही समय था जब भारत  के उच्च कोटि के सन्त मानव और मानवता को धर्म का केन्द्र मान कर केवल  भक्ति के  माध्यम से ईश्वर को पाने पर जोर देते थे। इसी समय पंजाब मे गुरू नानक देव जी का समय मिलता है। उनके धार्मिक विचार लोगो को सरल और  मानवता  वादी लगे। इस शोध पत्र के  द्धारा मै भक्ति  आन्दोलन के मुख्य सिद्धांतो को गुरू नानक देव जी द्धारा दिये गए उपदेशो से जोडकर यह समझाने का प्रयत्न करूॅगी कि वो भी भक्ति आन्दोलन के ही महान सन्त थे  और उनके  विचार  इस आन्दोलन से प्रभावित  थे।

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