भारत में संसदीय लोकतंत्र की प्रमुख चुनौतियां एवं भविष्य
Abstract
शोध आलेख सारः भारत में संसदीय लोकतंत्र का इतिहास एवं परम्परा विश्व में काफी पुराना है। वैदिक युग में भी भारत में संसदीय संस्थाऐं विद्यमान रही हैं। चूंकि मुगलकाल में संसदीय परम्पराओं पर कुठाराघात किया गया और ब्रिटिश युग में पुनः संसदीय संस्थाओं को जीवनदान देकर भारत में संसदीय लोकतंत्र की नींव मजबूत की गई। स्वतंत्रता के बाद हमारे संविधान निर्माताओं ने जिस संसदीय व्यवस्था की परिकल्पना भारत में की थी, वह निरन्तर कुछ समस्याओं से ग्रस्त है। अतः आज इस बात की महती आवश्यकता है कि संसदीय लोकतंत्र के मार्ग में उत्पन्न चुनौतियों का समाधान निकाला जा सके और संसदीय लोकतंत्र के सुरक्षित भविष्य का आधार अभी से सभी भारतवासी मिलकर तैयार करें। प्रस्तुत शोध पत्र संसदीय लोकतंत्र के मार्ग में उत्पन्न प्रमुख चुनौतियों एवं इन्हें दूर करके संसदीय लोकतंत्र के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में प्रकाश डालता है।
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