पर्यावरण संरक्षण हेतु पर्यावरणीय अभिवृत्ति उत्पन्न करने में पर्यावरण शिक्षा की भूमिका
Abstract
पर्यावरण तथा प्रकृति दोनों एक दूसरे के समानार्थी हैं। पर्यावरण के अन्तर्गत वायु, जल, भूमि, वनस्पति,पेड़-पौधे, पशु-पक्षी एवं मानव आदि सम्मिलित किए गये हैं, परन्तु जब से मानव ने प्रकृति पर विजय प्राप्त करने के लिए वैज्ञानिक उपलब्धियाँ अर्जित की,सुख-सुविधाके साधन जुटाये, बढ़ती आबादी की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु औद्योगिक क्रान्ति का सहारा लिया, तभी से प्रकृति का सामान्य रूप विखण्डित होने लगा। वन कटने लगे, उपजाऊ भूमि पर आवास बनने लगे बड़े-बड़े जंगल साफ कर बाँधों की योजना बनी और न जाने कितने ऐसे प्रयोग शुरू हो गये जो मानव प्रकृति के प्रतिकूल थे अतः सामान्य जीवन में परिवर्तन आने लगा।
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