प्राचीन भारतीय समाज व्यवस्था की विवेचना
Abstract
भारत के वर्तमान सामाजिक जीवन की तथा उसके गुण-दोषों की विवेचना बहुत व्यक्तियों द्वारा हुई है तथा होती रहती है, परन्तु भारतीय समाज-व्यवस्था का वैज्ञानिक रीति से अध्ययन इतने कम विद्वानों ने किया है कि आश्चर्य होता है । इस कारण आगे दिये विचारों का समर्थन अधिकांशतः शास्त्रों के ही उदाहरणों के आधार पर है तथा केवल प्रास्ताविक विवेचना में ही जहाँ आवश्यक और सम्भव प्रतीत हुआ है वहीं कुछ विद्वानों के उदाहरण दिये गये हैं।
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