उत्तर-वैदिक काल में राजनीति एवं समाज
Abstract
वस्तुतः प्राचीन भारतीय इतिहास का अध्ययन करने के बाद उपलब्ध हिन्दू धर्म ग्रन्थों के आधार पर मिलने वाली जानकारी से पता चलता है कि लगभग 1000 से 600ई पूर्व भारत में जिस सभ्यता का विकास हुआ, उसे उत्तर वैदिक सभ्यता के नाम से जाना जाता है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिम उतरप्रदेश से प्राप्त हुए मिट्टी के बर्तनों के अवशेष संभवतः इसी सभ्यता के हैं। इसके अतिरिक्त हस्तिनापुर, आलमगीर तथा बटेसर आदि स्थानों पर प्राप्त लोहे के अस्त्र-शस्त्र तथा घरेलू वस्तुओं के अवशेष भी इसी युग के माने जाते हैं। इस युग में शासन की मुख्य व्यवस्था राजतंत्रीय रही थी। सामाजिक व्यवस्था में ब्राह्मणों और क्षत्रियों की स्थिति श्रेष्ठ थी। आर्थिक क्षेत्र में प्रगति होने के कारण भी बड़े-बड़े नगरों का निर्माण हो चुका था। इसके साथ-साथ इस युग मे धर्म और दर्शन के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण प्रगति हुई। प्रस्तुत शोध पत्र में उतर वैदिक काल की राजनीति एवं समाज के बारे में एक ऐतिहासिक विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है।
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