नौरंगाबाद से प्राप्त कुषाणकालीन मृन्मूर्तियां : एक अध्ययन

Ms. सुमन

Abstract


प्राचीन भारतीय इतिहास मे मृन्मूतियों का महत्वपूर्ण स्थान है । ईसा पूर्व 3000 वर्षों से आज तक इस का प्रयोग होता रहा है । ये मृन्मूतियां विभिन्न उद्देश्यों के लिए बनाई जाती थी । इनमें कुछ घरेलू उपयोग के लिए कुछ धार्मिक कार्यों के लिए तथा कुछ केवल सजावट के लिए बनाई जाती थी । जबकि बडी संख्या में इनका उपयोग बच्चों के खिलोनों के लिए किया जाता था । मिट््टी सर्वसुलभ एवं लोचयुक्त होने के कारण इसको इच्छित आकार प्रदान करना सरल रहा । इसी से यह प्राचीन काल से कलाभिव्यक्ति का एक प्रमुख माध्यम रही है ।


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