भारत में घरेलू हिंसा अधिनियम -2005
Abstract
वस्तुतः भारत में महिलाओं के विरूद्ध हिंसा एक आम बात है। इसमें बलात्कार, दहेज हत्या, लज्जा भंग, यौन-उत्पीड़न, घरेलू हिंसा एवं क्रूरता शामिल है। भारत में पारिवारिक एवं घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं के संवैधानिक व कानूनी अधिकारों की सुरक्षा के लिए घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 बनाया गया जो 26 अक्तूबर 2006 से प्रभावी हुआ। इस अधिनियम के तहत घरेलू हिंसा की शिकार महिला स्वयं या किसी सेवा-प्रदाता के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज करवा सकती हैं। चूंकि महिलाओं के विरूद्ध होने वाली हिसा की प्रकृति भी बदल रही है, अतः समय-समय पर घरेलू हिंसा अधिनियम को प्रासांगिक बनाने के विचार भी उभरते रहे हैं। युवतियो पर बढ़ रहे तेजाबी हमले के कारण सरकार को नई दिशा निर्देश तक जारी करने पड़े हैं। प्रस्तुत शोध पत्र में घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 का अध्ययन किया गया है।
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