भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम पर नई व पुरानी विचारधाराओं का अध्ययन

Ms. Jyoti

Abstract


पलासी के युद्ध के बाद ब्रिटिश भारत में राजनीतिक सत्ता जीत गए और यही वो समय था जब अंग्रेज भारत आए और करीब 200 साल तक राज किया। 1848 में लॉर्ड डलहौजी के कार्यकाल के दौरान यहां उनका शासन स्थापित हुआ। उत्तर-पश्चिमी भारत अंग्रेजों के निशाने पर सबसे पहले रहा और 1856 तक उन्होंने अपना मजबूत अधिकार स्थापित कर लिया। भारत एक लम्बे समय तक अंग्रेजों के अधीन रहा और इस स्वतंत्रता को प्राप्त करने के लिए भारतवासियों ने हर मूल्य को चुकाया है। भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम पर उपनिवेशवादी एवं नव-उपनिवेशवादी या नव-परंपरावादी इतिहासकारों के दृष्टिकोणों में अंतर पाते है। कुछ इतिहासकार यह नहीं मानते कि राष्ट्रीय आन्दोलन उपनिवेशवाद विरोधी या साम्राज्यवाद विरोधी था और कुछ इतिहासकार इसे आजादी की लड़ाई’ मानते है । इस शोध-पत्र में भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम पर नई व पुरानी विचारधाराओं का अध्ययन किया गया है।

Full Text:

PDF




Copyright (c) 2018 Edupedia Publications Pvt Ltd

Creative Commons License
This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-ShareAlike 4.0 International License.

 

All published Articles are Open Access at  https://journals.pen2print.org/index.php/ijr/ 


Paper submission: ijr@pen2print.org