विदेश नीति में सहायक तत्वों का विश्लेषणात्मक अध्ययन
Abstract
राष्ट्रीय राजनीति की तरह अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति भी शक्ति के लिए संघर्ष है, जिसमें प्रत्येक राज्य अपनी मौजूदा शक्ति को बनाए रखने और अन्य राज्यों की तुलना में अपनी शक्ति का निरन्तर प्रयास करता रहता है। इस दृष्टि से उसके लिए यह आवश्यक हो जाता है कि वह अन्य राज्यों से संबंध बनाए रखे। इन संबंधों को कायम रखने के लिए वह राज्य अन्य राज्यों से अनेक समझौते एवं संन्धियां करता है। वस्तुतः राज्यों द्वारा यह कार्य राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए किया जाता है। राष्ट्रीय हितों की पूर्ति के लिए एक राज्य, अन्य राज्यों के साथ जो भी कार्य-कलाप करता है, वे सभी विदेश नीति में सम्मिलित होते हैं। एक राज्य अन्य राज्यों से संबंध बनाए रखते हुए किस तरह अपने राष्ट्रीय हितों की पूर्ति करता है, यही विदेश नीति का प्रतिपाद्य विषय होता है। किन्तु एक महत्वपूर्ण विषय यह है कि राष्ट्रीय हितों की पूर्ति के लिए राष्ट्र के नीति-निर्माताओं द्वारा जो विदेश-नीति तैयार की जाती है, वह किन-किन तत्वों अथवा कारकों द्वारा निर्धारित होती है। दूसरे शब्दों में, हमारे लिए यह जानना आवश्यक हो जाता है कि वे कौन-से तत्व होते हैं, जो किसी राष्ट्र की विदेश नीति निर्धारित करते हैं।
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