भारतीय इतिहास में नारी की सामाजिक स्थिति और डॉ अम्बेडकर का योगदान

उमेश कुमार

Abstract


भारत के प्राचीन इतिहास का अध्ययन किया जाए तो स्पष्ट होता है कि नारी ने अनेक क्षेत्रों में गौरवमयी कीर्ति अर्जित की थी । नारी को देवीय शक्ति के रूप में स्थान मिला था । उसकी सर्वत्र पूजा होती थी । पूजा से तात्पर्य उसकी मान-मर्यादा और उनके अधिकारों की रक्षा से है । उन्हें गृहलक्ष्मी और गृहदेवी के नाम से भी संबोधित किया जाता था । गृहस्थी का कोई भी कार्य उनकी सहमति के बिना नहीं किसा जाता था । जीवन के अनेक अवसरों पर वे पुरूष से आगे रहती थीं । धार्मिक कृत्य भी उनके अभाव में अपूर्ण माने जाते थे ।धार्मिक, सामाजिक और रणक्षेत्र में अपने पति का सहयोग देना उनका कर्तव्य माना जाता था ।

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