मेवाती समाज और संस्कृति . एक ऐतिहासिक अध्ययन
Abstract
संस्कृति को समाज का आईना कहा जाता है। किसी भी देश की सामाजिक और आध्यात्मिक, बौद्धिक विभूति को संस्कृति के नाम से जाना जाता हैं। प्राचीन संस्कृतियों में से एक भारतीय संस्कृति को अनेक उतार . चढावों से गुजरना पडा है। फिर भी आज भारतीय सभ्यता और संस्कृति जीवित रही है। यहा पर ब्रिटिश कूटनीति ने देश का विभाजन कर दिया परन्तु फिर भी हमारे देश में एकता और सांस्कृतिक समग्ररूपता देखने को मिलती हैं। इसी प्रकार पूरे भारतवर्ष में हरियाणा क्षेत्र की उसकी संस्कृति के कारण एक अलग ही पहचान हैं। वैसे भी किसी कौम की संस्कृति उसके सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक, सांस्कृतिक जीवन का आईना होता हैं। संस्कृति में मनुष्य के विचार, रूचि, विश्वास और आदर्श समविष्ट रहते हैं। अगर हम हरियाणा के इतिहास का ध्यान से अध्ययन करे तो यह देखने को मिलता है कि मेवात क्षेत्र में रहने वाले मेवों की संस्कृति, एक सम्पूर्ण संस्कृति हैं। मेवातीयों का रहन . सहन, उनके रीति . रिवाज, सामाजिक जीवन तथा लोक साहित्य का हरियाणा क्षेत्र में अलग ही पहचान हैं। इस शोध लेख में मेवात क्षेत्र में रहने वाले मेवों के समाज व संस्कृति का वर्णन किया जायेगा
Full Text:
PDFCopyright (c) 2018 Edupedia Publications Pvt Ltd

This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-ShareAlike 4.0 International License.
All published Articles are Open Access at https://journals.pen2print.org/index.php/ijr/
Paper submission: ijr@pen2print.org