1857 के विद्रोह के पश्चात दमन चक्र : मेवात एक अध्ययन

शर्मिला यादव

Abstract


1857 का विद्रोह भारत के इतिहास में ही नही बल्कि हरियाणा के इतिहास में भी महत्व पूर्ण स्थान रखता है। सामान्यता इतिहास के पन्नों में हमे दिल्ली की जनता पर अंग्रेजां दवारा किये गये अत्याचारों का वर्णन तो बहुत मिलता है परन्तु इतिहासकारों ने 1857 के दौरान मेवात क्षेत्रा के लोगो पर अंग्रेजां दवारा किये गये अत्याचारों व उन की कुर्बानियों को इतिहास के पन्नों में जगह देने में काफ्रफी कन्जुसी की है जबकि किसी भी इतिहास के निर्माण में क्षेत्राय और आंचलिक संघर्षो का भी कम योगदान नजर नही आता परन्तु फ्रिफर भी इतिहास लेखन में क्षेत्राय इतिहास की कमी ज्यों की त्यों बनी नजर आती है। मैनें इस लघु शोध पेपर ‘‘1857 के विद्रोह के पश्चात दमन चक्र :  मेवात का एक अध्ययन’’ में इसी कमी को भरने और अंग्रेजां दवारा मेवात क्षेत्रा पर किये गये अत्याचारों का वर्णन करने का प्रयास किया है।

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