वंचित वर्ग, श्रम बाज़ार व कौशल विकासरू एक नूतन विमर्श

डॉ. केशरी नन्दन मिश्रा

Abstract


संयुक्त राष्ट्र की नवीनतम जनसंख्या रिपोर्ट, 2015 संकेत करती है कि 2020 तक भारत में औसत आयु 29 वर्ष होगी, जो चीन और अमेरिका में 37 वर्ष तथा यूरोप में 45 वर्ष होगी। जनसंख्या से संबंधित यह लाभ भारत के लिए विश्व का मानव संसाधन कारखाना बनने और विश्व की बूढ़ी होती अर्थव्यवस्थाओं की आवश्यकताएं पूरी करने का अवसर है। इससे वर्तमान श्रमशक्ति को देशी एवं विदेशी बाज़ार की आवश्यकताओं के अनुसार समुचित कौशल प्रदान करने/पुनः कौशल प्रदान करने/कौशल विकास करने तथा श्रम बल में नये लोगों को शामिल करने की ज़रूरत खड़ी होती है क्योंकि व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने की आंकांक्षा नहीं है, शिक्षा एवं कामकाजी दुनिया के बीच संबंध कमजोर है अथवा है ही नहीं, गुणवत्ता वाले प्रशिक्षुओं की कमी है और विभिन्न क्षेत्रों/समूहों में विभिन्न प्रकार के कौशल की आवश्यकता है।





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