भारत में बौद्ध धर्म का उद्भव, प्रभाव एवं पतन
Abstract
प्राचीन भारत के इतिहास में बौद्ध धर्म का उद्भव एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में पहचाना जाता है। इसके संस्थापक गौतम बुद्ध हैं, जिन्होंने गृह त्याग करके एक चिन्तनशील व्यक्ति होने का सामाजिक उत्तरदायित्व निभाया। उनके गृह त्याग की घटना इतिहास में ‘महाभिष्क्रमण’ के नाम से जानी जाती है। चूंकि उन्होंने सर्वप्रथम ज्ञान प्राप्ति के लिए दो ऋषियों से भेंट की परन्तु उन्हें शान्ति प्राप्त नहीं हुई। अतः उन्होनें उरूवेला नामक जगह पर निरंजना नदी के तट पर कठोर तप किया। यहाँ भी उन्हें असफलता ही हाथ लगी। उन्हें वास्तविक ज्ञान 35 वर्ष की आयु में बोधि वृक्ष के नीचे हुआ। इसके बाद उन्होंने सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया जिसे भारतीय इतिहास में धर्मचक्र परिवर्तन कहा जाता है। उनके प्रयासों से बौद्ध धर्म विदेशों तक फैल गया और उनकी भारतीय दर्शन और चिन्तन को देन एक ऐतिहासिक विरासत बन गई। प्रस्तुत शोध पत्र में भारत में बौद्ध धर्म के उद्भव, प्रभाव एवं पतन पर प्रकाश डाला गया है।
Full Text:
PDFCopyright (c) 2018 Edupedia Publications Pvt Ltd
![Creative Commons License](http://licensebuttons.net/l/by-nc-sa/4.0/88x31.png)
This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-ShareAlike 4.0 International License.
All published Articles are Open Access at https://journals.pen2print.org/index.php/ijr/
Paper submission: ijr@pen2print.org