जौनपुर की लोक साहित्य चेतना के अन्तर्गत जौनपुर लोक में निवास करने वाली स्त्रियों के श्रृंगार-हेतु प्रचलित आभूषणों का प्रचलित लोक-गीतों में महत्व

डाॅ अन्जू पाण्डेय

Abstract


जौनपुर अंचल उत्तर-प्रदेश के वाराणसी मंडल का एक जनपद है। जौनपुर जनपद की पश्चिमी सीमा पर इलाहाबाद और प्रतापगढ़, दक्षिणी सीमा पर  संत रविदास नगर (भदोही) दक्षिणी पूर्वी सीमा पर वाराणसी पूर्वी सीमा पर सुल्तानपुर जनपद निश्चित करता है। ये सीमायें यद्यपि कृत्रिम है, लेकिन कुछ सीमाओं का निर्धारण प्राकृतिक नदियां करती है। जैसे दक्षिणी भाग की कुछ सीमा का निर्धारण प्राकृतिक नदियां करती है। जैसे - दक्षिणी भाग की कुछ सीमा का निर्धारण वरूणा नदी और माँगुर नदी और माँगुर नदी की एक धारा सुल्तानपुर जनपद को विभाजित करती है। माँगुर नदी कुछ दूर पर जौनपुर और आजमगढ़ की सीमा को बाँटने का काम करती है। लोक-जीवन में स्त्री एवं पुरूष द्वारा एक परिवार का निर्माण करके जीवन के सामाजिक दायित्वों को पूरा करना एक महत्वपूर्ण प्रयोजन बताया गया है। स्त्री एवं पुरूष प्रकृति द्वारा बनाये गये जीव प्राणी है जिनके रंग-रूप, लम्बाई-चैड़ाई, आकार-प्रकार, नैन नक्श में कोई परिवर्तन सम्भव नहीं हैं। किन्तु वस्त्रों एवं आभूषणों के माध्यम से इनके सामान्य रूप को सौन्दर्य एवं आकर्षक रूप मंे संवारा जाता है। पुरूषों की अपेक्षा स्त्रियाँ आभूषणों के प्रति ज्यादा स्नेह एवं आकर्षण प्रदर्शित करती हैं जौनपुर की लोक साहित्य चेतना अध्ययन के समय शोधार्थिनी ने देखा कि स्त्रियाँ अपने आभूषणों के प्रति ज्यादा सजग रहती है।

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