पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ भारत में वेदकालीन और महाभारतकालीन शिकà¥à¤·à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾

सन्दीप मलिक

Abstract


पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ भारत में वेदकालीन शिकà¥à¤·à¤¾ का आशà¥à¤°à¤® वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ से गहरा समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ था। वैदिक साहितà¥à¤¯ में वरà¥à¤£à¤¿à¤¤ चार आशà¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ में बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤°à¥à¤¯ आशà¥à¤°à¤® की समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ ततà¥à¤•ालीन शिकà¥à¤·à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ से जà¥à¥œà¥€ हà¥à¤ˆ थी। जब हम अथरà¥à¤µà¤µà¥‡à¤¦ में बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤°à¥à¤¯ आशà¥à¤°à¤® के बारे में पढते हैं तो हमें वेदकालीन शिकà¥à¤·à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ के बारे में वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• जानकारी पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होती है। वसà¥à¤¤à¥à¤¤à¤ƒ वैदिक यà¥à¤— में शिकà¥à¤·à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ चरà¥à¤¤à¥à¤µà¤°à¥à¤—ीय सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤ पर आधारित थी। इसमें धरà¥à¤®, अरà¥à¤¥, काम व मोकà¥à¤· की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ का उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ निहित था जिसे गà¥à¤°à¥‚कà¥à¤² शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अमलीजामा पहनाया जाता था। इस शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ में समाज के पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को आतà¥à¤®à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ का पूरा अधिकार पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ था। परनà¥à¤¤à¥ महाभारत काल में राजकà¥à¤®à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की शिकà¥à¤·à¤¾ पर विशेष बल दिया जाता था और शिकà¥à¤·à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में असमानता तथा भेदभाव का दोष पैदा हो गया था। इस समय बालक को शिकà¥à¤·à¤¾ पूरà¥à¤£ होने पर गà¥à¤°à¥‚ दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¤¾ भी देनी पड़ती थी। महिलाओं को भी शिकà¥à¤·à¤¾ का अधिकार पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ था। पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ शोध पतà¥à¤° में वेदकालीन शिकà¥à¤·à¤¾ को आधार मानते हà¥à¤ महाभारत काल तक हà¥à¤ शिकà¥à¤·à¤¾ के विकास व उसकी वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ पर पà¥à¤°à¤•ाश डाला गया है।


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