दक्षिणी-पूर्वी पंजाब की राजनीतिक, सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति
Abstract
आधुनिक हरियाणा प्रान्त 1966 से पूर्व पंजाब प्रान्त का एक भाग था, जिसे दक्षिणी-पूर्वी पंजाब के नाम से जाना जाता है। यह क्षेत्र पंजाब के अन्य भागों की अपेक्षा राजनीतिक, सामाजिक एवं आर्थिक क्षेत्र में काफी पिछड़ा हुआ था। आजादी के पश्चात भी पंजाब की सरकार में पंजाबी भाषी लोगों का ही बोलबाला था। पंजाबी क्षेत्र के नेताओं ने कभी भी मन्त्रिमण्डल में हरियाणा क्षेत्र के लोगों को बराबर का प्रतिनिधित्व नहीं दिया। इस क्षेत्र के केवल दो विधायकों को ही कैबिनेट मन्त्री बनाया जाता था। इस क्षेत्र की अधिकतर जनता गाँवों में निवास करती थी और कृषि कार्य पर निर्भर थी। पंजाब की सरकार ने अन्य क्षेत्रों की तरह इस क्षेत्र के आर्थिक विकास की ओर अधिक ध्यान नहीं दिया। इस क्षेत्र में न तो नहरों का विकास किया गया और न ही आधुनिक शिक्षा एवं उद्योगों को बढ़ावा दिया गया। विकास के मामले में पहले पंजाबी क्षेत्र, फिर हरियाणा क्षेत्र यही पंजाब सरकार की नीति रहती थी। परिणामस्वरूप, पंजाब के अन्य क्षेत्रों की तुलना में यह क्षेत्र पिछड़ता ही चला गया।
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