भूमण्डलीय समय में ई-लर्निंग का उच्च शिक्षा पर प्रभाव
Abstract
आज का युग विज्ञान और तकनीकि का युग है। विज्ञान और तकनीकि के विकास ने मनुष्य की जीवन शैली में क्रान्तिकारी परिवर्तन किया है। विज्ञान तथा तकनीकि का प्रयोग सम्पूर्ण विश्व में बड़े पैमाने पर हो रहा है। कोई भी क्षेत्र इससे अछूता नहीं है चाहे वह समाज हो, राजनीति, सांस्कृतिक, आर्थिक हो या शिक्षा हो। विज्ञान और तकनीकि का प्रभाव सभी क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहा है। आज वैज्ञानिक एवं तकनीकि युग में ऐसे माध्यमों का विकास हो रहा है जिसने संसार की भौतिक दूरी को कम कर दिया है। वर्तमान समय में शिक्षा के क्षेत्र पर भूमण्डलीकरण का व्यापक प्रभाव है। 21वीं सदी में भूमण्डलीकरण का व्यापक प्रभाव है। 21वीं सदी में भूमण्डलीकरण एक उचित नवीन विचार धारा है। इस विचारधारा का उदय विकसित देशों द्वारा अर्थव्यवस्था को सबल बनाने के उद्देश्य से किया गया। भूमण्डलीकरण व्यापारिक माहौल की एक ऐसी अवधारणा है जो समस्त विश्व को एक केन्द्र या मण्डल मानकर गतिविधियों के संचालन द्वारा लाभ प्राप्त करने से सम्बन्धित मन्तव्य देता है। शिक्षा व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारती है। शिक्षा मनुष्य को सभ्य बनाने के साथ ही साथ मानवीय मूल्यों का विकास, ज्ञान का संचय, संचरण का विकास भी है। भारत में प्राचीन काल से भूमण्डलीकरण का भाव रहा है। ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम’’ तथा ‘सत्यम शिवम् सुन्दरम्’ जैसे शाश्वत विचार आज के भूमण्डलीकरण के ही पर्याय है।
उच्च शिक्षा जीवन के विभिन्न क्षेत्रों सामाजिक, बौद्धिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक, तकनीकि तथा व्यवसायिक में नेतृत्व निर्मित करती है। उच्च शिक्षा विकास एवं परिवर्तन के प्रमुख उपकरण हैं। उच्च शिक्षा जीवन की विभिन्न राष्ट्र निर्माण एवं
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