हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान : एक विश्लेषणात्मक अध्ययन
Abstract
भारत 1947 में स्वतन्त्र हुआ था उस समय राष्ट्र की उन्नति एवं विकास के सामने बहुत सारी चुनौतियाँ थी तथा ग्रामीण विकास उनमें से एक गम्भीर थी। अतः ग्रामीण विकास के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए नीतियाँ, योजनाएं एवं उन्हें क्रियान्वित करने के लिए संगठन स्थापित किए गए। इस दिशा में ग्रामीण विकास के प्रयोग एवं सफर में हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान एक राज्य स्तरीय प्रशिक्षण संस्थान है। इसी तरह पंचायती राज की स्थापना एक महत्त्वपूर्ण कदम है जिसके माध्यम से योजना बनाकर ग्रामीण विकास के मार्ग में आने वाली समस्याओं को हल किया जाता है, परन्तु आमतौर पर यह माना जाता है कि पंचायती राज नेतृत्व के कम शिक्षित होने के कारण सरकार द्वारा चलाये गये कार्यक्रमों के बावजूद भी ग्रामीण विकास बाधित होता है। इसी कारण पंचायती राज नेतृत्व के लिये प्रशिक्षण की बहुत ज्यादा आवश्यकता होती है तथा इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिये राज्य स्तर पर राज्य ग्रामीण विकास संस्थानों की स्थापना की गई है।
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