ष्कुमाँऊ मण्डल के बी.टी.सी. एव ंबी.एड शिक्षकों के आकांक्षा स्तर प्रभावशीलता, सुविधास्तर, स्वधारणा एवं कार्यात्मक मूल्यों का समीक्षात्मक अध्ययनष्

डाॅ मीनाक्षी भटनागर, श्रीमती किरन परगाँइ

Abstract


सभी मानवीय कार्यकलापों की तरह शिक्षा में भी समाज की उदीयमान आवश्यकताओं और आकांक्षाओं के अनुरूप  परिवर्तन होते रहते हैं। मानव जीवन में जब नए लक्ष्य स्थापित होते हैं तो समाज की आकांक्षाएँ भी बदल जाती हैं। शिक्षा की अवधारणा में चाहे जो भी परिवर्तन हो, मानव-मुक्ति, स्वतन्त्रता और न्यायपूर्ण समाज की रचना इसका अन्तिम लक्ष्य रहा है तथा भविष्य में भी रहेगा। मानव मुक्ति और न्यासपूर्ण समाज की परिभाषाएं विभिन्न विचारधाराओं के सापेक्ष बदलती रही हैं जिसके कारण शिक्षा प्रक्रिया और प्रभाव क्षेत्र के स्वरूप में भी स्वाभाविक रूपान्तरण होता रहा है।

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